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नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA): एक संपूर्ण जानकारी:Citizenship Amendment Act (CAA): A Comprehensive Overview

1 “नागरिकता संशोधन अधिनियम: लोकसभा चुनाव के करीब आते हुए, मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए सीएए कानून को पूरे देश में लागू कर दिया है। इस कानून से जुड़ी सभी पहलुओं को जानने के लिए यहां पढ़े

2 “नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम: भारत में एक बड़ा मुद्दा

समुदायों के बीच विवादों और विरोध के बावजूद, सोमवार को केंद्र सरकार ने देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू कर दिया है। इस कदम से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इस निर्णय को लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाना, मोदी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है और इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है।”

3 “सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) इस कानून के अंतर्गत, भारत के तीन पड़ोसी देशों – बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। यहाँ तक कि दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों – हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई – को भी नागरिकता प्रदान की जाएगी।”

4 “सीएए की मंजूरी: राष्ट्रपति की हस्ताक्षर से अंगीकृत

11 दिसंबर 2019 को, भारतीय संसद ने सीएए को पारित कर दिया था, और इसकी मंजूरी 12 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर कर दी गई थी। इस विधेयक के समर्थन में 125 और खिलाफ में 105 वोट पड़े थे।”

5 “मुसलमानों का CAA के खिलाफ: विरोध के पीछे कारण

CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) का विरोध सबसे अधिक मुसलमानों द्वारा किया जा रहा है, और इसमें उनका एक स्पष्ट स्थान है। मुसलमान समुदाय का मानना ​​है कि इस कानून के लागू होने से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, और इसमें मुसलमानों को भी समाहित किया जाना चाहिए। उनका यह तर्क है कि नागरिकता प्राप्ति के लिए शरणार्थी अपना धर्म बदल सकते हैं, जिससे विशेष धार्मिक समुदायों को अधिक सुविधाएं मिलती हैं।”

6 “CAA पर सरकार का तर्क: विवाद और परिप्रेक्ष्य

सरकार का मुताबिक, CAA केवल उन बहुसंख्यक धर्मों के अनुयायियों को नागरिकता प्रदान करता है जो भारत के पड़ोसी देशों से आए हैं। सरकार का तर्क यह है कि इन देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक होने के कारण वह प्रताड़ित नहीं हैं, और इसलिए उन्हें नागरिकता प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार का तर्क यह भी है कि इस से मुस्लिम बहुसंख्यक धर्मों के अनुयायियों को कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि वे पहले से ही इन देशों की बहुसंख्यक समुदायों में शामिल हैं और उन्हें यहां पर प्रताड़ित नहीं किया जाता है।”

7 “CAA के तहत नागरिकता पंजीकरण: ऑनलाइन प्रक्रिया का विवरण

केंद्र सरकार ने CAA कानून को लागू करने के बाद एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी की है। इस पोर्टल के माध्यम से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई) भारतीय नागरिकता के लिए पंजीकरण करेंगे।

पंजीकरण के लिए उन्हें अपने बारे में जानकारी और भारत में प्रवास का समय बताना होगा, जो मोबाइल फोन के माध्यम से किया जा सकेगा। उन्हें किसी भी प्रकार के दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद, उन्हें नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

यह तबादला उन व्यक्तियों के लिए होगा जो अपने धर्म में बदलाव के साथ भारत में शरण लेना चाहते हैं, और यह सभी विभागों के बीच सुचना साझा करने और देश में नागरिकता की प्राप्ति के लिए सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।”

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